Driving License: RTO जाकर ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने की झंझट खत्म, घर बैठे बनाए ड्राइविंग लाइसेंस

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Driving License– नए मानकों के अनुसार अब आपको ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के लिए भागा-दौड़ी करने की आवश्यकता नही होगी। अब आसानी से आप घर बैठे ऑनलाइन माध्यम से ड्राइविंग लाइसेंस बना सकते हो।

ड्राइविंग लाइसेंस होना आज के युग में बेहद ही जरूरी हो गया है। लोगो को इसके लिए RTO के काफी चक्कर काटने पड़ते है इसीलिए लोगो की इस समस्या को देखते हुए लोक प्राधिकरण ने नए सिद्धान्त बनाए है। अब आपको क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) के बार बार चक्कर नही काटने पड़ेंगे।

आपको अब किसी भी प्रकार की चिंता करने की जरूरत नही होगी। अभी तक आरटीओ के मानको में काफी बदलाव देखने को मिले है।

यदि आप भी राजस्थान के निवासी हो और आप चाहते है कि आप ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने को लेकर पूरी जानकारी लेना चाहते हो तो आप हमारे इस लेख को पूरा पढ़े।

आईये हम आपको इस लेख के माध्यम से आपको सारी बात बताने वाले है। हम आपको घर बैठे लाइसेंस बनाने की जानकारी देंगे। आप हमारे इस लेख को पूरा पढ़े और जाने इसकी पूरी जानकारी।

ड्राइविंग के लिए टेस्ट की जरूरत नहीं

जिन लोगो को अभी तक लगता है कि ड्राइविंग परमिट देने के लिए आरटीओ ऑफिस में जाकर ड्राइविंग टेस्ट देने की जरूरत है उनको अब चिंता करने की जरूरत नही है क्योंकि अब आपको किसी भी प्रकार का ड्राइविंग टेस्ट देने की जरूरत नही होगी।

अब इन मानकों को केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने लागू कर दिया है। अब लोगो को काफी राहत मिलने वाली है। अब सरलता से अपना ड्राइविंग लाइसेंस तैयार किया जा सकता है।

ड्राइविंग स्कुल जाओ और वहाँ तैयार हो जाओ

अब आपको अपना ड्राइविंग परमिट बनाने के लिए आरटीओ ऑफिस में जाने की जरूरत नही होगी। अब आप ड्राइविंग स्कुल में जाकर आसानी से ड्राइविंग परमिट दे सकते हो।

यदि आप ड्राइविंग परमिट के लिए अपना नामांकन करना चाहते हो तो आप किसी भी ड्राइविंग स्कुल में जाकर करवा सकते हो। इससे यह फायदा होगा की आपको अब आरटीओ ऑफिस में जाकर ड्राइविंग परीक्षा नही करनी होगी।

अतः आप आसानी से ड्राइविंग स्कुल में जाकर ड्राइविंग परमिट ले सकते हो। आपका घोषणा पत्र परमिट के दस्तावेज के बाद भेजा जाएगा। इस तरह से आप अपना ड्राइविंग परमिट तैयार कर सकते हो।

ये हे नए सिद्धान्त

  • संस्था का मेंटर 12वीं पास होना चाहिए और उसके पास कम से कम ड्राइविंग का 5 साल का अनुभव होगा चाहिए। यातायात नियमो से अच्छे से परिचित होना चाहिए।
  • हम आपको बता दे की सेवा ने एक शेक्षिक कार्यक्रम बनाया है। जिसमें एक महीना का कोर्स कर सकते हो और बता दे की एक महिने का कोर्स हल्के वाहनों के लिए है। डाउनहिल ड्राइविंग वगैरह के लिए 21 घण्टे का कोर्स रहता है।

ऐसी होगी प्रोसेस

इनमे डीएल के लिए आवेदन करने वाले आवेदकों को इनमे से किसी भी ट्रेनिंग सेंटर में जाकर के अपना नामांकन करवाना होगा और बाद में आयोजित करना होगा। यदि आपका टेस्ट क्लियर हो जाता हे तो केंद्र सरकार प्रमाण पत्र जारी करेगी।

यदि आपको प्रमाण पत्र प्राप्त हो जाता है तो आप किसी परीक्षण के प्रमाण पत्र के जरिए ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकते हो आपको आरटीआर की आवश्यकता नही है।

हम ड्राइविंग परमिट के नए सिद्धान्तों के बारे में कैसे जानते है ?

सड़क और परिवहन मंत्रालय के द्वारा तैयार स्कुल के नियम और सिद्धान्त कुछ इस प्रकार है-

  • बाइक, तिपहिया वाहन और हल्के इंजन वाले वाहन के लिए निर्देश केंद्र कि भूमि का लगभग 1 खंड होना चाहिए।
  • मध्यम वजन वाले वाहनों के लिए कम से कम नही होना चाहिए यदि जमीन के 2 हिस्से के बीच पास की जमीन हो तो ही वह ड्राइविंग लाइसेंस ट्रेनिंग सेंटर चला सकता है।
  • ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर का कोच 12वीं पास होना आवश्यक है । कोच को कम से कम 5 साल का ड्राइविंग अनुभव होना चाहिए और यातायात नियमो को जनता हो।
  • परिवहन मंत्रालय द्वारा यह भी बताया गया था कि हल्के इंजन वाले वाहनों के लिए तैयारी स्कुल में इंस्ट्रक्शन क्लास चलाई जाएगी।
  • शोइंग कॉर्स की अवधि 1 माह होगी जो लगभग 29 घण्टे तक चलेगी।
  • ड्राइविंग समुदायों के प्रॉस्पेक्ट्स को 2 खंडों में बाटा गया है पहला परिकल्पना और दूसरा व्यवहार्य।
  • पक्की सड़क, देहाती सड़क, थ्रूवे, शहर की सड़क, स्विचिंग, स्टॉपिंग, क्लाइंबिंग, डाउनहिल ड्राइविंग और सड़क की सजावट के एक छोटे से हिस्से की तैयारी के लिए 8 घण्टे की तैयारी के बार में जानने के लिए 21 घण्टे लगेंगे।
  • निर्देश, दुर्घटना के कारणों को समझना, चिकित्सा सहायता और ड्राइविंग की समझ आदि को समझा जाएगा।

ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करने के लिए यह प्रक्रिया अपनाये

यदि आप भी अपना ड्राइविंग लाइसेंस बनाना चाहते हो तो आपको किसी भी प्रकार की चिंता करने की जरूरत नही है। अब ड्राइविंग लाइसेंस से सम्बंधित नए नियम बना दिए गए है।

इन नए नियम के अनुसार आपको ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के लिए टेस्ट देने की जरूरत नही है आप आपको किसी भी मान्यता प्राप्त ड्राइविंग टेस्ट सेंटर से ट्रेनिंग लेनी होगी। हम आपको बता दे की इन सेंटरों की 5 साल की वैधता होती है।

जिसके बाद इन्हें रिन्यू करना होगा। जब इन सेंटरों में ट्रेनिंग पूरी कर ली जाती है तो उनके द्वारा आयोजित परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी। इसके बाद आपको सेंटर की ओर से सर्टिफिकेट जारी कर दे दिया जाएगा।

इस सर्टिफिकेट के जरिए ही RTO की ओर से ड्राइविंग लाइसेंस इश्यू किया जाता है।

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