खुशखबरी! जन-धन खाता धारकों को मिल सकते है 10 हजार रुपये, प्रधानमंत्री जन-धन खाता के 46 करोड़ से भी ज्यादा उपयोगकर्ता है। अगर आप भी जनधन खाताधारक है तो आप भी इस खाते से मिलने वाली 10 हजार रुपये तक की धनराशि का लाभ उठा सकते है। चलिए इस आर्टिकल में हम जानते है कि जनधन खाता धारक को 10 हजार रुपये की धनराशि कैसे मिल सकती है?
प्रधान मंत्री द्वारा चलाई गई जन-धन योजना से खाताधारक निकाल सकते है एडवांस,सम्पूर्ण जानकारी
भारत सरकार द्वारा देश के गरीबों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए और उनकी सामाजिक स्थति को सुधरने के लिए कई प्रकार की योजनाए चला रही है।
विभिन्न योजनाओं के माध्यम से भारत सरकार सभी जरुरत मंदो की आर्थिक स्थिति और सामाजिक स्थिति के सुधार हेतु वित्तीय सहायता दे रही है।
इन सभी योजनाओं के द्वारा भारत सरकार देश में रहने वाले सभी नागरिकों को आर्थिक सहायता प्रदान करती है। इस समय सभी जरुरत मंद व्यक्ति भारत सरकार की योजनाओं से जुड़कर इसका लाभ प्राप्त कर रहे हैं।
भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही बिभिन्न योजनाओं में जन -धन योजना भी शामिल है। इस योजना की शुरुआत देश के वर्तमान प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2014 में की थी।
ताकि देश के गरीब लोगों को बैंक खाते की सुविधा उपलब्ध कराई जा सके। इस योजना के माध्यम से आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्ति अपना खाता जीरो बेलेन्स पर खुलवा सकता है।
ऐसी सभी योजनाओं का लाभ देशवासियों को प्राप्त होता रहे इसलिए इन योजनाओ में समय -समय पर बदलाव किये जाते हैं। अब वे सभी लोग जिन्होंने इस योजना के अंतर्गत अपना खाता खुलवाया है इस योजना के तहत 10 हजार तक की राशि प्राप्त कर सकते हैं।
इस धनराशि को आप कैसे निकाल सकते है इसकी जानकारी नीचे लेख के माध्यम से दी जा रही है अतः आप लेख को पूरा और ध्यान पूर्वक पढ़ें।
कैसे खुलवाएं जन-धन खाता आइये जानते हैं
भारत सरकार द्वारा जारी की गई जन -धन योजना का खाता बैंकों,डाकघरों,और राष्ट्रीकृत बैंकों में जीरो बेलेन्स पर खुलवाया जा सकता है। खाता खुलवाने के लिए उम्मीदवार ऑनलाइन या फिर डायरेक्ट बैंक जा कर केवाईसी डॉक्यूमेंट सब्मिट कर अपना खाता खुलवा सकता है।
जिन बच्चों की उम्र 10 वर्ष से अधिक है वह भी अपना खाता खुलवा सकते हैं। इस योजना के तहत ग्राहकों को बहुत सारी सुविधाओं का लाभ प्राप्त होता है। जन धन योजना के खाता धारकों को अकाऊंट में न्यूनतम बेलेन्स रखने की भी आवश्यकता नहीं होती।
जन धन खाता के माध्यम से व्यक्ति सरकार द्वारा चलाई जा रही सभी योजनाओ का लाभ ले सकेगा। इस योजना के तहत बैंक से एक डेविट कार्ड भी मिलता है जिसका उपयोग दुर्घटना,मृत्यु बीमा,सुरक्षा कवच आदि योजनाओ का लाभ लेने के लिए किया जाता है।
जन-धन खाताधारक ले पाएंगे ओवरड्राफ्ट (एक तरह का लोन) की सुविधा
भारत सरकार की इस ओवरड्राफ्ट की सुबिधा उन सभी लोगों को मिलेगी जिनका जन धन योजना के तहत खाता खुला है। जन धन खाता के सभी खाताधारक ओवरड्राफ्ट की सुविधा पाने के लिए सरलता से आवेदन कर सकते है। इसके लिए सबसे पहले आपको बैंक मैनेजर से संपर्क करना होगा। ओवरड्राफ्ट एक लोन की तरह ही होता है।
ब्रांच मैनेजर से संपर्क कर के आप आसानी से ओवरड्राफ्ट की सुविधा ले सकते है और इसे आप यूपीआई या एटीएम कार्ड से निकाल सकते हैं। आपको बता दे की इस ओवरड्राफ्ट की सुविधा लेने पर आपको हर दिन के हिसाब से ब्याज देना होगा। कहने का तात्पर्य यह है की आपको प्रतिदिन के हिसाब से ब्याज चुकाना होगा। यदि आप ओवरड्राफ्ट में फिर से पेमेंट जमा करते है तो आपको ब्याज नहीं देना होगा।
केंद्र सरकार ने बढ़ाईओवरड्राफ्ट की राशि
बैंकों द्वारा पहले जन धन खाते में ओवरड्राफ्ट के रूप में महज 5 हजार तक की राशि प्रदान की जाती थी। लेकिन केंद्र सरकार ने लोगो की जरूरतों को समझते हुए ओवरड्राफ्ट की राशि में बढ़ोतरी कर दी है। सरकार के निर्देश अनुसार बैंको ने इस राशि को बढ़ाकर दस हजार कर दी है।
इस योजना का लाभ लेने के लिए आपका जन धन खाता मिनिमम 6 महीने पुराना होना चाहिए। तभी आप इस ओवरड्राफ्ट सुविधा का लाभ ले पाएंगे। और यदि ऐसा नहीं है तो मात्र 2000 की ओवरड्राफ्ट राशि ही आपको मिल पायेगी।
एक्सीडेंटल बीमा कवर: ले सकते है 2 लाख तक की राशि
जन धन खाता के सभी खाताधारी एक्सीडेंटल बीमा कवर के माध्यम से दो लाख तक की राशि ले सकते है। यदि जन धन खाताधारी व्यक्ति के साथ कोई सड़क दुर्घटना हो जाती है तो उसे दो लाख तक की राशि मदद के रूप में प्रदान की जाती है।
खाताधारियों को 30 हजार रूपी का जीवन बीमा भी दिया जाता है लेकिन इसका लाभ वही खाताधारक प्राप्त कर सकता है जो रूपए डेविट का इस्तमाल करते हैं।केंद्र सरकार द्वारा लागु की जन धन योजना में अभी तक 46.25 करोड़ लोगो ने अपने खाते खुलवाए है।
2015 में इस योजना के तहत मात्र 14.72 करोड़ लोगो ने अपने खाते खुलवाए थे। बात करे 2022 की तो 10 अगस्त 2022 तक जनधन खतों की संख्या तीन गुना बढ़ चुकी है वर्तमान में इन खतों की संख्या 46.25 है।